Maiya Samman Yojana 6th Installment Payment Update: झारखंड राज्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, जिनमें से मईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) एक अहम योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, विशेषकर उन महिलाओं को जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हर महीने महिलाओं को ₹2500 की राशि दी जाती है, जो सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर होती है।

हालांकि, इस योजना के लाभार्थियों को 5वीं और 6वीं किस्त का भुगतान समय पर नहीं मिल पाया है, जिससे कई महिलाओं में चिंता और गुस्सा फैल गया है। दिसंबर 2024 में 5वीं किस्त का भुगतान होने वाला था, लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से यह जनवरी 2025 में ट्रांसफर हुआ। इसके बाद, 6वीं किस्त का भुगतान भी 15 जनवरी 2025 तक शुरू हो चुका था, लेकिन अब तक कुछ लाभार्थियों के खातों में यह राशि नहीं पहुंची है। इस विषय पर राज्य सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है और कहा कि 6वीं किस्त की राशि 28 और 29 जनवरी 2025 तक सभी पात्र महिलाओं के खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
मईयां सम्मान योजना की विशेषताएं
मईयां सम्मान योजना का उद्देश्य झारखंड राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत हर छह महीने में महिलाओं को ₹2500 की राशि प्रदान की जाती है। यह राशि उन्हें उनके बैंक खातों के माध्यम से सीधे मिलती है, जिसे वे अपने परिवार के खर्च, बच्चों की शिक्षा और अन्य घरेलू जरूरतों में उपयोग कर सकती हैं।
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ उन महिलाओं को हो रहा है जो मुख्यतः ग्रामीण इलाकों में रहती हैं और जिनके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का अवसर देती है।
मईयां सम्मान योजना के लाभ:
लाभ | विवरण |
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राशि का भुगतान | प्रत्येक महिला को हर 6 महीने में ₹2500 की राशि मिलती है। |
आर्थिक मदद | महिलाएं इस राशि का उपयोग परिवार की देखभाल, बच्चों की शिक्षा और अन्य खर्चों में कर सकती हैं। |
सामाजिक सुधार | यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में। |
हालांकि, योजना की सफलता के बावजूद, 5वीं और 6वीं किस्त के भुगतान में कुछ समस्याएं आई हैं, जिन्हें सरकार जल्द ही सुलझाने का प्रयास कर रही है।
6वीं किस्त में देरी के कारण
कई महिलाओं को अभी तक 6वीं किस्त का भुगतान नहीं मिल पाया है, और इस स्थिति से वे परेशान हैं। सरकार ने इस समस्या को लेकर स्पष्टीकरण दिया है कि 6वीं किस्त का वितरण तकनीकी कारणों और बैंकिंग प्रणाली की धीमी प्रक्रिया के कारण समय पर नहीं हो सका। इसके अतिरिक्त, कुछ महिलाओं के बैंक खातों की जानकारी अपडेट न होने के कारण भी राशि का ट्रांसफर प्रभावित हुआ है।
अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया है कि 28 और 29 जनवरी 2025 तक सभी पात्र महिलाओं के बैंक खातों में ₹2500 की राशि भेज दी जाएगी।
क्या करें अगर 6वीं किस्त का पैसा नहीं आया?
यदि आपको भी 6वीं किस्त का भुगतान अब तक नहीं मिला है, तो सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका बैंक खाता सही तरीके से अपडेट है। इसके अलावा, आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
- बैंक शाखा से संपर्क करें: सबसे पहले अपनी बैंक शाखा में जाकर पता करें कि क्या आपके खाते में ₹2500 की राशि ट्रांसफर की गई है। बैंक में तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं जिनकी वजह से भुगतान में देरी हो सकती है।
- स्थानीय अधिकारियों से मदद लें: यदि बैंक में कोई समस्या नहीं पाई जाती है, तो आप अपने क्षेत्र के स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। वे आपकी मदद कर सकते हैं और स्थिति का समाधान दे सकते हैं।
- ऑनलाइन स्टेटस चेक करें: आप मईयां सम्मान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी किस्त की स्थिति चेक कर सकते हैं। वेबसाइट पर आपको ट्रांजेक्शन स्टेटस की जानकारी मिल जाएगी।
6वीं किस्त की नई तारीख
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 6वीं किस्त का ₹2500 भुगतान 28 और 29 जनवरी 2025 को सभी पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यदि इन तारीखों के बाद भी किसी महिला को राशि नहीं मिलती है, तो उन्हें फिर से संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।
झारखंड राज्य में मईयां सम्मान योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने का है। हालांकि, 5वीं और 6वीं किस्त के भुगतान में कुछ समस्याएं आई हैं, लेकिन सरकार ने इन समस्याओं को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। अगर आपको 6वीं किस्त का भुगतान नहीं मिला है, तो उपरोक्त बताई गई प्रक्रियाओं को अपनाकर आप अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।
यह योजना झारखंड की महिलाओं को एक नया जीवन और आत्मविश्वास देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और उम्मीद है कि आने वाले समय में इसके लाभ और अधिक महिलाओं तक पहुंचेंगे।